उत्तराखंड में लॉकडाउन के दौरान अब मकान मालिक छात्रों और श्रमिकों से एक माह की अवधि के लिए किराया नहीं मांग सकेंगे। इस संबंध में आज शासन से आदेश जारी किए गए हैं।
जिसमें आदेश दिए गए हैं कि उद्योगों और दुकानों में काम करने वाले श्रमिकों को उनका वेतन भी निर्धारित समय पर बिना किसी कटौती के देना होगा। वहीं शिक्षण संस्थाएं किसी भी अध्ययनरत छात्र-छात्रा पर फीस जमा करने हेतु दबाव नहीं बनाएंगे। और अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ऐसी स्थिति में संबंधित मकान मालिक तथा शिक्षण संस्थान के खिलाफ आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की धारा 10(2)(1) तथा उत्तराखंड एपिडेमिक डिजीज, कोविड 19 रेग्युलेशन, 2020 और एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
जिसमें आदेश दिए गए हैं कि उद्योगों और दुकानों में काम करने वाले श्रमिकों को उनका वेतन भी निर्धारित समय पर बिना किसी कटौती के देना होगा। वहीं शिक्षण संस्थाएं किसी भी अध्ययनरत छात्र-छात्रा पर फीस जमा करने हेतु दबाव नहीं बनाएंगे। और अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ऐसी स्थिति में संबंधित मकान मालिक तथा शिक्षण संस्थान के खिलाफ आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की धारा 10(2)(1) तथा उत्तराखंड एपिडेमिक डिजीज, कोविड 19 रेग्युलेशन, 2020 और एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सुबह सात से दोपहर एक बजे तक खुलेंगे बाजार
प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में छह घंटे की ढील देने का फैसला बरकरार रखा है। सरकार ने सुबह सात बजे से दोपहर एक बजे तक आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए जनता को घर से बाहर निकलने की अनुमति जारी रखी है। लेकिन इस दौरान चौपहिया वाहन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे।
केंद्र की गाइडलाइन
- अंतरराज्यीय सीमा पर आवागमन प्रतिबंधित।
- एक जिले से दूसरे जिले में नहीं जा सकेंगे लोग।
- केवल आवश्यक वस्तुओं के वाहन ही चलेंगे।
- जो व्यक्ति जहां है, वहीं उसके रहने और ठहरने की व्यवस्था होगी।
- लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों के वेतन में कटौती नहीं की जा सकेगी।
- दुकानों, होटलों, अन्य प्रतिष्ठानों में काम करने वालों को देनी होगी पगार।
केंद्र की गाइडलाइन
- अंतरराज्यीय सीमा पर आवागमन प्रतिबंधित।
- एक जिले से दूसरे जिले में नहीं जा सकेंगे लोग।
- केवल आवश्यक वस्तुओं के वाहन ही चलेंगे।
- जो व्यक्ति जहां है, वहीं उसके रहने और ठहरने की व्यवस्था होगी।
- लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों के वेतन में कटौती नहीं की जा सकेगी।
- दुकानों, होटलों, अन्य प्रतिष्ठानों में काम करने वालों को देनी होगी पगार।